अनुच्छेद 35-ए को कश्मीरियों के लिए संसद की मंजूरी के बगैर जोड़ा गया था, इसी तरह इसे हटाया भी जा सकता है

अनुच्छेद 35-ए क्या है?

इसके मुताबिक वही व्यक्ति राज्य का मूल निवासी माना जाएगा, जो 14 मई 1954 से पहले राज्य में रह रहा हो या जो 14 मई 1954 से 10 साल पहले से राज्य में रह रहा हो और जिसने कानून के मुताबिक राज्य में अचल संपत्ति खरीदी हो। यानी, जिसके पूर्वज 14 मई 1944 से जम्मू-कश्मीर में रह रहे होंगे, वही राज्य का स्थायी नागरिक कहलाएगा। सिर्फ जम्मू-कश्मीर विधानसभा ही इस अनुच्छेद में बताई गई राज्य के स्थायी निवासियों की परिभाषा को दो तिहाई बहुमत से बदल सकती है।

क्या इसे संसद के जरिए नहीं जोड़ा गया था?
यह अनुच्छेद दूसरे राज्य के लोगों को कैसे रोकता है? इसे लैंगिक भेदभाव क्यों कहा जाता है?
अनुच्छेद 35-ए और अनुच्छेद 370 प्रभावी रहने से आखिर किसे फायदा है? 
अनुच्छेद 35-ए हटाने से किसे फायदा मिलेगा?
अनुच्छेद 35-ए की वजह से अभी सरकार को क्या दिक्कतें हैं?
अनुच्छेद 35-ए को हटाने के रास्ते क्या हैं? 
1) केंद्र की सिफारिश पर राष्ट्रपति का फैसला
2) संसद का रास्ता
क्या 99% आबादी के अधिकारों का हनन हो रहा है?


कश्मीर में बीएसएफ इंटेलिजेंस विंग के चीफ रहे के. श्रीनिवासन के मुताबिक, अलगाववादी नेता 35-ए की आड़ में कश्मीर को भारत से अलग दिखाते हैं, श्रीनिवासन कहते हैं कि अनुच्छेद 35-ए के कारण घाटी में निवेश नहीं होता।

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