खाना खाते समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं?

खाना खाते समय न करें ये गलती, नहीं तो हो सकते हैं गरीब

भविष्य पुराण: धनवान बनने के लिए अचूक है, भोजन से संबंधित यह शास्त्रीय नियम

भोजन से पूर्व भोजन मंत्र का उच्चारण करने से भोजन का पाचन सही प्रकार होता है। साथ ही शरीर को उर्जा मिलती है।
मंत्र- "ऊं सहनाववतु, सहनौ भुनक्तु सह वीर्यम् करवाव है तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषाव है। ऊँ शान्ति: शान्ति: शान्ति:।"

सनातन धर्म में हर एक काम के लिए कुछ खास नियम और कायदे बनाए गए है जिसका पालन करने से हमें सुख-शान्ति की अनुभूति होती है। हम अपने दैनिक जीवन में तमाम तरह की क्रियाएं करते हैं जैसे  स्नान करना, पूजा करना और भोजन ग्रहण करना आदि। हमारे शास्त्रों में भोजन करने से संबंधित कुछ नियम बताएं गए है जिसका पालन करने से हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में।

भविष्य पुराण में भोजन ग्रहण करने से संबंधित कुछ नियम बताएं गए है जिसके अनुसार भोजन ग्रहण करने से पहले हमें अच्छी तरह से आपने हाथ और नाखुनों को साफ कर लेना चाहिए। सनातन धर्म के अनुसार हमारा शरीर भूमि, जल, अग्नि, आकाश, वायु, जैसे तत्वों से मिलकर बना है और हाथों के अंगुलियां इन्हीं का प्रतिनिधित्व करती हैं। जब हम अपने पांचों अंगुलियों का इस्तेमाल करते है तो इन पांच तत्वों के माध्यम से हमारे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है जिसे कारण हमें अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है।

सनातन धर्म में हमेशा से भोजन को आदर-सम्मान के साथ व्यवहार करने के बारे में कहा गया है। इसलिए भोजन करने से पहले भगवान का धन्यवाद करना चाहिए और अन्न की देवी मां अन्नापूर्णा को प्रणाम करना चाहिए।

हमारे ग्रंथों में दैनिक जीवन से जुड़े हर काम के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। ऐसे ही कुछ नियम भविष्य पुराण में भी मिलते हैं।


हमारे धर्म ग्रंथों में दैनिक जीवन से जुड़े हर काम के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। ऐसे ही कुछ नियम भविष्य पुराण में भी मिलते हैं, जो भोजन से संबंधित हैं। आज हम आपको भोजन से जुड़े उन्हीं नियमों के बारे में बता रहे हैं।

1. पूर्व की ओर मुख करके भोजन करने से आयु व पश्चिमी की ओर मुख करके भोजन करने से धन लाभ होता है।
2. उत्तर की ओर मुख करके भोजन करने से सम्मान व दक्षिण की ओर मुख करके भोजन करने से प्रसिद्धि मिलती है।
3. एक बार बैठकर पेट भर भोजन करना चाहिए। भोजन के बीच-बीच में उठकर जाने से धन का नाश हो जाता है।
4. छोड़े हुए भोजन को दोबारा नहीं खाना चाहिए, इससे उम्र कम होती है। अधिक भोजन भी नहीं करना चाहिए।
5. कभी किसी को झूठा भोजन खाने के लिए नहीं देना चाहिए और न ही किसी का झूठा भोजन खाना चाहिए।
6. झूठे मुंह कहीं जाना नहीं चाहिए। यानी जब भी कुछ खाएं तो उसके बाद थोड़ा पानी जरूर पीना चाहिए।
7. भोजन आनन्द पूर्वक करना चाहिए। भोजन में कुछ कमी रह गई हो तो भी उसकी बुराई नहीं करनी चाहिए।


भविष्य पुराण में धन प्राप्ति के लिए विशेष शास्त्रीय नियम बताए गए हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि मनुष्य का शरीर पांच तत्वों के निर्माण से बना हुआ है। इस पांचो तत्वों का प्रतिनिधित्व हमारी पांचो अंगुलियां करती है।

जब इन पंचों तत्वों के द्वारा भोजन किया जाता है तो हमारे शरीर को अनंत उर्जा की प्राप्ति होती है। साथ ही हमारा शरीर निरोगी बनता है। इसलिए स्वच्छ हाथों से भोजन करना सही माना गया है। भविष्य पुराण में बताए गए नियम के अनुसार हम आपको भोजन से संबंधित कुछ विशेष नियम बता रहे हैं। इस नियम का पालन कर यदि भोजन किया जाता है तो लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

भोजन हमेशा एक ही स्थान पर बैठकर करना चाहिए। यदि आप भोजन करते समय बार-बार उठते हैं तो इससे धन की हनी होती है।
जिस भोजन को आपने त्याग दिया है। उसे दुबारा ग्रहण नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर आयु की हानि होती है। 

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