Valmiki Jayanti 2018: रामचरितमानस में नहीं हैं, वाल्मीकि रामायण की ये 10 कहानियां

वाल्मीकि कृत रामायण में कई ऐसी बातों का जिक्र है, जो रामचरितमानस में या अन्य रामायण में नहीं हैं. आज वाल्मीकि जयंती है.
news18 hindi | October 24, 2018, 11:09 AM IST

वाल्मीकि रामायण में 33 करोड़ की जगह मात्र 33 देवता ही बताए गए हैं. रामायण के अरण्यकांड के 14वें सर्ग के 14वें श्लोक में. इसके अनुसार 12 आदित्य, 8 वसु, 11 रुद्र और 2 अश्विनी कुमार, यानि कुल मिलाकर ये 33 देवता ही हैं.

रामायण में जिक्र है कि जब रावण विश्वविजय कर रहा था तो वह स्वर्ग भी पहुंचा. जहां उसे रंभा नाम की अप्सरा मिली. रंभा ने रावण से कहा कि आप मुझे स्पर्श न करें, मैं आपके बड़े भाई कुबेर के बेटे नलकुबेर की साथी हूं. इसलिए मैं आपकी पुत्रवधू हुई लेकिन रावण ने उसकी बात न सुनते हुए उसके साथ दुराचार किया. जब नलकुबेर को यह पता चला तो उसने रावण को श्राप दे दिया कि आज के बाद रावण ने यदि किसी स्त्री को उसकी इच्छा के विरुद्ध छुआ तो उसके सिर के सौ टुकड़े हो जाएंगे.

यूं तो कहानी यही है कि लक्ष्मण ने जब शूर्पणखा का नाक-कान काटा तो रावण क्रोधित हो गया और उसने सीता का अपहरण कर लिया लेकिन रावण की बहन शूर्पणखा ने भी उसे सर्वनाश हो जाने का श्राप दिया था. दरअसल शूर्पणखा के पति का नाम विद्युतजिव्ह था. वो राजा कालकेय का सेनापति था. रावण ने अपने विश्वविजय के अभियान के दौरान विद्युतजिव्ह का वध कर दिया था. तब शूर्पणखा ने रावण को यह श्राप दिया था.

जब तुलसीदास ने रामचरितमानस रची तो उन्होंने उसे भी 7 काण्ड में ही बांटा. भले ही आज तुलसीदास की रामचरितमानस उत्तरभारत में बहुत प्रचलित है लेकिन आज भी लोगों के बीच रामायण को ही ऑथेंटिक माना जाता है. ऐसे में रामायण में कई ऐसी बातों का जिक्र है, जो रामचरितमानस में या अन्य रामायण में नहीं हैं. इनका अच्छे से वर्णन केवल वाल्मीकि की रामायण में मिलता है. ...

आश्विन माह में शरद पूर्णिमा के दिन महर्षि वाल्मीकि का जन्म हुआ। महर्षि वाल्मीकि वैदिक काल के महान ऋषि हैं। उन्होंने संस्कृत भाषा में रामायण की रचना की। महर्षि वाल्मीकि को कई भाषाओं का ज्ञान था और वो एक कवि के रूप में भी जाने जाते हैं। विश्व का पहला महाकाव्य रामायण लिखकर उन्होंने आदि कवि होने का गौरव पाया।  





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