122 साल बाद राजयोग में आयी गणेश चौथ, इस विधि से करे पूजा सारे विघ्न हरेंगे मिटेंगे कष्ट होगी धनवर्षा


Brijnaari Sumi
Published on Sep 12, 2018

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गणेश चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 12 सितंबर 2018 को शाम 4 बजकर 07 मिनट.
गणेश चतुर्थी तिथि समाप्त: 13 सितंबर 2018 को दोपहर 02 बजकर 51 मिनट.
13 सितम्बर की स्‍थापना और पूजा का समय:13 सितंबर की सुबह 11 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 35 मिनट तक.
अवधि: 2 घंटे 26 मिनट
13 सितंबर को चंद्रमा नहीं देखने का समय: सुबह 09 बजकर 33 मिनट से रात 09 बजकर 23 मिनट तक.
अवधि: 11 घंटे 50 मिनट.

अपने परिवार के साथ गणपति की आरती करें. गणेश जी की आरती कपूर के साथ घी में डूबी हुई एक या तीन या इससे अधिक बत्तियां बनाकर की जाती है.
- इसके बाद हाथों में फूल लेकर गणपति के चरणों में पुष्‍पांजलि अर्पित करें.
- अब गणपति की परिक्रमा करें. ध्‍यान रहे कि गणपति की परिक्रमा एक बार ही की जाती है.
- इसके बाद गणपति से किसी भी तरह की भूल-चूक के लिए माफी मांगें.
-  पूजा के अंत में साष्टांग प्रणाम करें.


इसके बाद कीर्तन करें। 

शुभ-लाभ प्राप्ति के लिए

घर में शुभ-लाभ की वृद्धि और समृद्धि की प्राप्ति के लिए गणपति को प्रतिदिन 5 दूर्वा अर्पित करें। साथ ही पांच हरी इलायची और 5 कमलगट्टे एक कटोरी में रखकर भगवान के चरणों में रख दें। इलायची तथा कमलगट्टों को पूजा के अंतिम दिन तक वहीं रखा रहने दें। पूजन संपन्न होने के बाद कमलगट्टों को लाल कपड़े में बांधकर घर के मंदिर में रख लें तथा इलायची को प्रसाद के तौर पर ग्रहण करें।

भगवान गणपति मंगलकर्ता हैं। विघ्न विनाशक हैं। कल्याणकर्ता हैं। जो कोई उनकी शरण में जाता है, उसका वह कल्याण करते हैं। एक बार देवर्षि नारद जी भी संकट में फंस गए। वह इधर-उधर घूमे लेकिन संकट का समाधान नहीं हुआ। तब शंकर जी के कहने पर उन्होंने संकटनाशन स्तोत्र की रचना की। इस स्तोत्र का स्तवन करने वाला कभी संकट में नहीं रहता। उसका समाधान हो जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन इस स्तोत्र का यथासंभव पांच बार पाठ करें। ऋद्धि-सिद्धि आपके घर होंगी। किसी भी प्रकार का संकट हो, गौरीपुत्र आपकी मनोकामना को पूरी करेंगे।

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