बुधवार हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलायें अपने पल्लू में बांधे 1 रुपये का सिक्का, पति की खुलेगी किस्मत


Brijnaari Sumi
Published on Sep 9, 2018

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शिव को पति रूप में पाने के लिए 'पार्वती' ने किया था 'हरितालिका तीज व्रत', जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और खास नियम

हरतालिका तीज व्रत सुहागन महिलाओं के लिए एक प्रमुख व्रत है। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाई जाती है। इस महीने हरितालिका तीज 12 सितंबर (बुधवार) को मनाई जाएगी। दरअसल भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है। हरतालिका तीज व्रत कुमारी और सौभाग्यवती स्त्रियां करती हैं। विधवा महिलाएं भी इस व्रत को कर सकती हैं। हरतालिका तीज व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए किया था। हरतालिका तीज व्रत करने से महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हरितालिका तीज शुभ मुहूर्त  प्रातःकाल मुहूर्त:- 06:04:17 से 08:33:31 तक  कुल अवधि: 2 घंटे 29 मिनट
पूजा स्थल को फूलों से सजाकर एक चौकी रखें और उस चौकी पर केले के पत्ते रखकर भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। इसे भी पढ़े: घर के पूजा-मंदिर में पीली सरसों से करें ये खास प्रयोग, इस प्रकार करें धूपबत्ती का धुआं, होगी धन वर्षा इसके बाद देवताओं का आह्वान करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का षोडशोपचार पूजन करें। सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी वस्तु रखकर माता पार्वती को चढ़ाना इस व्रत की मुख्य परंपरा है। इसमें शिव जी को धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है। यह सुहाग सामग्री सास के चरण स्पर्श करने के बाद ब्राह्मणी और ब्राह्मण को दान देना चाहिए। इस प्रकार पूजन के बाद कथा सुनें और रात्रि जागरण करें। आरती के बाद सुबह माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और ककड़ी-हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें।

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