Aye mere watan ke logon Sanskrit Version by Rajesh Upadhyay


Rajesh Upadhyay Published 


॥ संस्कृतानुवादप्रस्तुतिः ॥
मूलगीतम् - ऐ मेरे वतन के लोगों .....
संगीतकार - सी. रामचंद्र
गीतकार - प्रदीप
गायिका - सुश्री लता मंगेशकर
संस्कृतानुवादकः - श्री यज्ञप्रकाश वाजयेयी
धन्यवादज्ञापनम् - श्री बुद्धिप्रकाशजांगिडः
संस्कृतानुगायकः - राजेश उपाध्यायः
Special Thanks for Karaoke - Shri Snehendu Chakraborty


मे जनगणराष्ट्रनिवासिनः
महतां कुरुत जयघोषम् ।
शुभदिवसोयं सर्वेषां                           
चारन्तु त्रिवर्णमतुल्यम् ॥
मा विस्मरत सीमान्ते
वीरै: परित्यक्ता: प्राणाः ।
संस्मरणं कुरुत तेषां
संस्मरणं कुरुत तेषां
ये गृहं न पुनरायाताः
ये गृहं न पुनरायाताः


मे जनगणराष्ट्रनिवासिनः
कुरुताश्रुलोचने भरिते
गतिवीरां प्राप्ताः वीरा:
स्मरत तद् बलिदानम् ।
मे जनगणराष्ट्रनिवासिनः
कुरुताश्रुलोचने भरिते
गतिवीरां प्राप्ताः वीरा:
स्मरत तद् बलिदानम् ।
मा विस्मरत तानेवं
तद् हेतु वदेयं गाथाः
गतिवीरां प्राप्ताः वीरा:
स्मरत तद् बलिदानम् ।

हिमराजो यदाsसीद् रंजित:
संकटमय्यासीन्निजता
प्राणान्तं ये युयुधिरे
प्राणान्तं ये युयुधिरे
दिवङ्गताः निजवपुषा
भूसंगीने धृतभालाः
सुप्ताः तेऽमरत्यागिनः ।
गतिवीरां प्राप्ताः वीरा:
स्मरत तद् बलिदानम् ।


दीपावलिमये देशे
तैः मतं होलिपर्व
वयम् आस्म स्वीये गेहे
वयम् आस्म स्वीये गेहे
ते तिक्ष्यन्ते  गुलिकाश्च ।
हे धन्य युवानोऽस्माकं
कृतधन्यावस्था तेषां ।
गतिवीरां प्राप्ताः वीरा:
स्मरत तद् बलिदानम् ।

केचित् सिखजाटमराठिन:
केचित् सिखजाटमराठिन:
को हि गोरखा मद्रासी
को हि गोरखा मद्रासी
सीमान्ते हता: सुवीराः
सीमान्ते हता: सुवीराः
सर्वो हि  भारतवासी ।
यो रक्त पपात् सुशैले
रक्तस्तत् हिन्दुस्थानी ।
गतिवीरां प्राप्ताः वीरा:
स्मरत तद् बलिदानम् ।

कायो रक्तेन तु रंजित
धृत्वा बन्दूकास्त्रं ननु
दशाधिकं हतवान् एकः
ननु पतितो भुवि अचेतनः ।
अन्तसमये तु  प्रयाणे
अन्तसमये तु  प्रयाणे
ऊचु: सम्प्रति मृतप्रायो ,
सुखिन: भवन्तु प्रियजनाः
सुखिन: सन्तु प्रियजनाः 
इतः अधुना वयं  चलाम:
इतः अधुना वयं  चलाम: ।
चाञ्चल्यपूर्णजनास्ते
आसन् किं रूपे मानिनः ।
गतिवीरां प्राप्ताः वीरा:
स्मरत तद् बलिदानम् ।
मा विस्मरत तानेवं
तद् हेतु वदेयं गाथाः
गतिवीरां प्राप्ताः वीरा:
स्मरत तद् बलिदानम् ।
जय हिन्द जय हिन्दोः सुसेना ।
जय हिन्द जय हिन्दोः सुसेना ।
जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द ।

 ॥ धन्यवाद ॥

Hindi Lyrics -

ऐ मेरे वतन के लोगों
तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का
लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर
वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो -२
जो लौट के घर न आये -२

ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी

जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा
सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद...

जब देश में थी दीवाली
वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो आपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद...

कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पवर्अत पर
वो खून था हिंदुस्तानी
जो शहीद...

थी खून से लथ-पथ काया
फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गये होश गँवा के
जब अन्त-समय आया तो
कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफ़र करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद...

तुम भूल न जाओ उनको
इस लिये कही ये कहानी
जो शहीद...

जय हिन्द... जय हिन्द की सेना -२
जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द

Published on Jan 25, 2018

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