अहमियत रिश्तों की

एक दिन भी बिना जिनके , रह नहीं सकते थे हम,

वो माँ -जाये ज़िंदगी में अपनी, मसरूफ हो जाते हैं। 



छोटी-छोटी सी बातें, छिपा नहीं पाते थे हम,

अब बड़ी-बड़ी मुश्किलों से भी, अकेले जूझते जाते हैं। ...

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