रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय

सैंकड़ो तरह के काढ़े आये गए। फिर म्युनिटी बूस्टर आये। गए। फिर तरह तरह के नुस्खे आने लगे। अलोरोकीन फ्लोरोकीन न जाने कितनी बंटियाँ आयी गयी। फिर लोगो ने विटामिन सी के स्टॉक लगा लिए। वो भी हो गया। वेक्सीन वाले सेर भी जोर जोर से दहाड़े। निकल लिए।

हम पहले दिन से आज तक एक चीज पर टिके हुए हैं। हल्दी दूध।

जब सबकी तमन्नाएं निकल लेंगी और सब के सब डागदर थक जाएंगे तब सिर्फ एक चीज बचेगी। हल्दी दूध। बस। हल्दी दूध।

और आज शाम को खाणा खा के स्याणी लड़की की कहानी भी सुनाऊंगा आपको जिसने अपनी पड़ोसन से ज्यादा गोरी होणे के चक्कर में तीन के बजाय चार डुबकी लगा ली थी और काली कलूटी होके पाणी में ते लिकडी थी। यह कहाणी उनके लिए होगी जो काली मिरच भी डाल लूँ का, उसी में गिलोय भी डाल लूँ का, उसी में अञ्चा भी डाल लूँ क्या और पांचा भी डाल लूँ क्या A1 दूद लूँ यो ज्यादा फैदा होगा क्या, असम की चार हजार किलो वाली हल्दी लूँ तो क्या क्या फैदा होगा, गीर गाय का दूद कैसा रहेगा....और हाँ, मिसरी डाल लूँ तो एडिशनल कवरेज मिलेगा क्या, पूछ पूछ कर पड़ोसी से ज्यादा फैदे के चक्कर में रहते हैं। उनको न्यू नी पता कि तीन ते ज्यादा डुबकी लगाणें ते लड़की गोरी के बजाय काली बी हो सकै।

साभार: सुनील कुमार वर्मा

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