अयोध्या निर्णय : सेक्यूलर चश्मे से भी
- डॉ अजय खेमरिया)
अयोध्या पर भारत की सर्वोच्च अदालत के निर्णय को आज सेक्युलरिज्म के चश्मे से भी देखने की आवश्यकता है।यह वही चश्मा है जिसने इस मुल्क की संसदीय सियासत में 70 साल तक लोगों की आंखों पर जबरिया चढकर इमामे हिन्द " को अदालत की चौखट पर खड़े होने को मजबूर कर दिया। इस चश्मे के नम्बर सत्ता की जरूरतों के हिसाब से ऊपर नीचे होते रहे है।और लगातार भारत की महान सांस्कृतिक विरासत पर बहुलता, विविधता, जैसे शब्दों को इतना बड़ा बनाकर स्थापित कर दिया कि इस पुण्य धरती की अपनी हजारों साल की पहचान पर ही लोग सशंकित होने लगे।जिस चर्च के व्यभिचारी चेहरे के विरुद्ध थियोक्रेसी शब्द ने सेक्युलर को जन्म दिया.. http://www.swadeshnews.in/swadesh-vishesh/need-to-understand-ayodhya-verdict-even-through-secular-point-of-view-509193
अयोध्या पर भारत की सर्वोच्च अदालत के निर्णय को आज सेक्युलरिज्म के चश्मे से भी देखने की आवश्यकता है।यह वही चश्मा है जिसने इस मुल्क की संसदीय सियासत में 70 साल तक लोगों की आंखों पर जबरिया चढकर इमामे हिन्द " को अदालत की चौखट पर खड़े होने को मजबूर कर दिया। इस चश्मे के नम्बर सत्ता की जरूरतों के हिसाब से ऊपर नीचे होते रहे है।और लगातार भारत की महान सांस्कृतिक विरासत पर बहुलता, विविधता, जैसे शब्दों को इतना बड़ा बनाकर स्थापित कर दिया कि इस पुण्य धरती की अपनी हजारों साल की पहचान पर ही लोग सशंकित होने लगे।जिस चर्च के व्यभिचारी चेहरे के विरुद्ध थियोक्रेसी शब्द ने सेक्युलर को जन्म दिया.. http://www.swadeshnews.in/swadesh-vishesh/need-to-understand-ayodhya-verdict-even-through-secular-point-of-view-509193
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