'पितृपक्ष' एक प्रकार से पितरों का सामूहिक मेला होता है।
इस पक्ष में सभी पितर पृथ्वीलोक में रहने वाले अपने-अपने सगे-संबंधियों के यहां बिना आह्वान किए भी पहुंचते हैं तथा अपने सगे-संबंधियों द्वारा प्रदान किए प्रसाद से तृप्त होकर उन्हें अनेकानेक शुभाशीर्वाद प्रदान करते हैं जिनके फलस्वरूप श्राद्धकर्ता अनेक सुखों को प्राप्त करते हैं।
पितृ दोष क्यों, कैसे तथा कब होता है
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श्राद्ध पर्व : पूर्वजों के भाग का भोजन किसे देना शुभ है?
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