एकादशी से बढ़ जाता है गणगौर का अधिक महत्व, जानिए इस अनूठे पर्व पर कैसे करें शिव-गौरी का पूजन
चैत्र मास में मनाया जाने वाला गणगौर लोकपर्व होने के साथ-साथ रंगबिरंगी संस्कृति का अनूठा उत्सव है। चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जानेवाला यह पर्व विशेष तौर पर केवल महिलाओं के लिए ही होता है।
भारत के कई स्थानों पर चैत्र कृष्ण एकादशी से चैत्र शुक्ल तृतीया तक गणगौर पूजन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि इ स दिन बांस की टोकरी में जवारे बोने की परंपरा कई गांवों, ग्रामीण अंचलों में आज भी जारी है। शिव-पार्वती हमारे आराध्य हैं, पूज्य हैं...
भारत के कई स्थानों पर चैत्र कृष्ण एकादशी से चैत्र शुक्ल तृतीया तक गणगौर पूजन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि इ स दिन बांस की टोकरी में जवारे बोने की परंपरा कई गांवों, ग्रामीण अंचलों में आज भी जारी है। शिव-पार्वती हमारे आराध्य हैं, पूज्य हैं...
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