आज रात आसमान में इन 7 तारों को एक लोटा पानी से जरूर दे अर्घ्य, होंगे रहस्यमयी फायदे Rishi Panchmi 18
Brijnaari Sumi
Published on Sep 14, 2018
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इस कामना के लिए महिलाएं करती हैं व्रत
इस व्रत के बारे में ब्रह्राजी ने राजा सिताश्व को बताया था जिसे करने से प्राणियों के समस्त पापों का नाश हो जाता है। सनातन धर्म में स्त्री जब मासिक धर्म या रजस्ख्ला (पीरियड) में होती है तब उसे सबसे अपवित्र माना जाता है। इस दोष को दूर करने के लिए वर्ष में एक बार ऋषि पंचमी का व्रत किया जाता है।
ऋषि पंचमी के दिन सप्तर्षियों कश्यप, अति, भरद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जन्मदग्नि व वशिष्ठ का आवाहन कर विधिपूर्वक उनका पुजन-अर्चन करें। सप्तर्षियों को प्रणाम करके प्रार्थना करें कि हमसे काया से, वाचना से व मान से जो भी भूलें हो गई हैं, उन्हें क्षमा करना।
सप्त ऋषि
१ – कश्यपाय नमः
२ – अत्रये नमः
३ – भारद्वाजाय नमः
४ – विश्वामित्राय नमः
५ – गौतमाय नमः
६ – जम्दग्नये नमः
७ – वाशिष्ठाये नमः
अंत में अरुन्धत्ये नमः करके पूजन संपन्न करना चाहिए !
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