मंगलवारी एकादसी अद्भुत संयोग घर में इस जगह रख दे तुलसी, 30 सेकण्ड्स में दिखेगा चमत्कार Saavn
Brijnaari Sumi
Published on Aug 6, 2018
#Brijnaari #Ekadashi #Lord Vishnu #Kamda Ekadashi
Kamika Ekadashi Date , Time & Paran Time
कामिका एकादशी व्रत तिथि– 7 अगस्त 2018, मंगलवार
एकादशी तिथि प्रारंभ- 07:52 बजे से (7 अगस्त 2018)
एकादशी तिथि समाप्त- 05:15 बजे (8 अगस्त 2018)
पारण समय- 13:45 से 16:24 (8 अगस्त 2018)
श्रीकृष्ण युधिष्ठिर से कहते हैं - है राजन !
जिस तरह चतुर्थी को गणेश जी, त्रयोदशी को शिवजी, पंचमी को लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है उसी प्रकार एकादशी तिथि को भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा की जाती है। सावन माह में इस एकादशी व्रत से विष्णुजी के साथ शिव भी होते हैं प्रसन्न !
कामदा एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाते हैं। जो फल वाजपेय यज्ञ करने से प्राप्त होता है वही फल कामिका एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है।
भगवान विष्णु के आराध्य भगवान शिव हैं और भगवान शिव के आराध्य भगवान विष्णु हैं। सावन माह में एकादशी का आना एक बहेद विशेष संयोग है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो मनुष्य सावन मास में भगवान नारायण का पूजन करते हैं, उनसे देवता, गंधर्व और सूर्य आदि सब पूजित हो जाते हैं।
अत: पापों से डरने वाले मनुष्यों को कामिका एकादशी का व्रत और विष्णु भगवान का पूजन अवश्य करना चाहिए। इससे बढ़कर पापों के नाशों का कोई उपाय नहीं है। इसका व्रत रखने वाले को कभी भी कुयोनि प्राप्त नहीं होती।इस दिन शंख, चक्र और गदाधारी भगवान विष्णु का पूजन और अर्चना की जाती है।नारदपुराण के अनुसार एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को बेहद प्रिय होता है।
Published on Aug 6, 2018
#Brijnaari #Ekadashi #Lord Vishnu #Kamda Ekadashi
Kamika Ekadashi Date , Time & Paran Time
कामिका एकादशी व्रत तिथि– 7 अगस्त 2018, मंगलवार
एकादशी तिथि प्रारंभ- 07:52 बजे से (7 अगस्त 2018)
एकादशी तिथि समाप्त- 05:15 बजे (8 अगस्त 2018)
पारण समय- 13:45 से 16:24 (8 अगस्त 2018)
श्रीकृष्ण युधिष्ठिर से कहते हैं - है राजन !
जिस तरह चतुर्थी को गणेश जी, त्रयोदशी को शिवजी, पंचमी को लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है उसी प्रकार एकादशी तिथि को भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा की जाती है। सावन माह में इस एकादशी व्रत से विष्णुजी के साथ शिव भी होते हैं प्रसन्न !
कामदा एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाते हैं। जो फल वाजपेय यज्ञ करने से प्राप्त होता है वही फल कामिका एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है।
भगवान विष्णु के आराध्य भगवान शिव हैं और भगवान शिव के आराध्य भगवान विष्णु हैं। सावन माह में एकादशी का आना एक बहेद विशेष संयोग है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो मनुष्य सावन मास में भगवान नारायण का पूजन करते हैं, उनसे देवता, गंधर्व और सूर्य आदि सब पूजित हो जाते हैं।
अत: पापों से डरने वाले मनुष्यों को कामिका एकादशी का व्रत और विष्णु भगवान का पूजन अवश्य करना चाहिए। इससे बढ़कर पापों के नाशों का कोई उपाय नहीं है। इसका व्रत रखने वाले को कभी भी कुयोनि प्राप्त नहीं होती।इस दिन शंख, चक्र और गदाधारी भगवान विष्णु का पूजन और अर्चना की जाती है।नारदपुराण के अनुसार एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को बेहद प्रिय होता है।
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