अहमियत रिश्तों की
एक दिन भी बिना जिनके , रह नहीं सकते थे हम,
वो माँ -जाये ज़िंदगी में अपनी, मसरूफ हो जाते हैं।
छोटी-छोटी सी बातें, छिपा नहीं पाते थे हम,
अब बड़ी-बड़ी मुश्किलों से भी, अकेले जूझते जाते हैं। ...
Read more https://ekguzaarish.wordpress.com/2017/04/09/अहमियत-रिश्तों-की/
वो माँ -जाये ज़िंदगी में अपनी, मसरूफ हो जाते हैं।
छोटी-छोटी सी बातें, छिपा नहीं पाते थे हम,
अब बड़ी-बड़ी मुश्किलों से भी, अकेले जूझते जाते हैं। ...
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