जैसे कि श्री हरि सनातन हैं

श्री राम वन्दे पुरुषोत्तमम

आप सभी मित्रो को नववर्ष विक्रम सम्बत २०७७ के आगमन पर शुभकामनाये और बधाई|

सनातन वैदिक संस्कृति अपार है, आदि, अनादि और अननत है| यह शास्वत है और सदा एक सामान रहने बाला है और किसी भी स्थति में यह समाप्त नहीं होता- जैसे की श्री हरि सनातन हैं| यह इतना पुरातन है की कोई कल्पना और गणना भी नहीं कर सकता पूरी दुनिया की सबसे पुरातन संस्कृति यदि कोई है तो वो हैं सनातन वैदिक संस्कृति जिसे आज अपभ्रंश नाम हिन्दू कहा जाता है| यह किसी व्यक्ति या महात्मा या महापुरुष के नाम से नहीं चलता बलिक इसके रक्षक, आधार और पहचान तो स्वयं भगवान श्री राम हैं|

तभी इसके रक्षा के लिए स्वयं प्रभु कोई न कोई रूप लेकर हर युग में धर्म की स्थापना और दुष्टो का नाश के लिए आ जाते हैं| हमारे धर्म में हर समस्या का निदान बताया गया है| पर हमारे देश के शासक अपने ही पहचान और आयुर्वेद और धर्म से अनभिग हैं और उसी का परिणाम है की हम लोग भटक रहे हैं और अपने धर्म पर पूर्ण बिस्वाश नहीं करते| ऐसी कोई दुनिया का समस्या हो वो चाहे राष्ट्रों का, देश का राज्य का या परिवार, मित्र या शत्रु कोई भी समस्या हो हर समस्या का निदान या उपाय बताया गया है|

जब निरीह प्राणी बेजुवाओ की निर्मम हत्या होगी तो उसका कोई चीख दर्द समझे या न समझे वो ठाकुर जी तो देखते हैं की उसके साथ आज का मानव क्या कर रहा है? क्या मुर्गा, बकरा या भैसे खाने के वास्तु हैं? पर बड़े दुःख और चिंता की बात है की हमारे देश में इन्हे हत्या करने का लाइसेंस दिया जाता है और भारत ब्रिटैन के बाद दूसरा सबसे बड़ा मांस निर्यातक देश हैं| वो देश जहाँ स्वयं भगवान श्री राम -कृष्ण आये और पशु पक्षी सभी से प्रेम किये उनके भूमि और देश में यह कुकृत्य हो रहा है|

चीन, कोरिया, स्पेन, फ्रांस, अमेरिका इटली और बाकी अन्य देश तो इसमें अग्रगणी है ही पर भारत में भी ऐसे मांसहारी कोई कम नहीं?

भगवान् ने बहुत प्रकार की सब्जिया और नाना प्रकार के भोजन, दूध दही घी मखान इत्यादि मानव को दिए हैं, पर उन सभी को छोड़कर किसी निरीह बेजुवान को मारना और वो भी मांस के लिए, क्या यह उचित है और वो क्या मानव के रचना और उनके अनुकूल कहा जा सकता हैं?

जब किसी बेजुवान की हत्या होगी तो उसका चीख भगवान् तो सुनते ही हैं और उसी का परिणाम आज कोरोना पुरे बिश्व को ठप कर रखा हैं| पूरी जीवन अस्त व्यस्त और रुक सा गया हैं लोग अपने ही घरो में कैद होने को बेबश हैं| सोचिये की ऐसा क्या इन क्रूरता के कारण नहीं हैं?

 भगवान् ने तो अभी मात्र टेलर दिखाया है| यदि लोग समझ गए और शाकाहार को अपनाया तो ठीक अन्यथा आगे तो जो होगा वो तो प्रभु ही जानते हैं|

फिर भी यदि श्री राम चरित्र मानस के कुछ चौपाई उद्धत कर रहा हूँ| यदि नीचे के चौपाई को श्रद्धा प्रेम पूर्वक भगवान् श्री राघवेंद्र सरकार के सम्मुख इसे जाप करें तो वो चाहे कोई भी रोग हो धीरे धीरे समाप्ति की और चला जाता हैं| यह सिद्ध मन्त्र हैं

राम कृपा नाशाही सब रोगा-
जो यह भाँती बने संजोगा

श्री राम नाम के जाप से रोगो का नाश हो जाता है यदि इसे बिधि बिधान और वो नियम यानी अंहिंसा परमो धर्म: का नियम अपनाकर और श्रद्धा भक्ति पूर्वक कोई करें|

दैहिक देविक भौतिक पापा,
राम राज्य काहुँ नहीं व्यापा

भगवान् श्री राम के नाम जाप से कोई भी रोग वो चाहे आपके पूर्व जन्म के यानी देविक हो या देह के इस जन्म के हों या फिर पूर्व देह और भौतिक हो वो सब समाप्त हो जाते है जैसे की श्री राम राज्य में किसी को भी यह तीनो प्रकार के रोग नहीं व्याप्त किया था|

राम भक्ति मणि उड़ बस जाके
दुःख लवलेश सपनेहुँ नहीं ताके |

काकभुसुंडि जी महराज गरुड़ जी को भगवान् के तत्व और रहस्य समझाते हुए कहते है की हे गरुड़ जी जिनके ह्रदय में भगवान् श्री राम का नाम और भक्ति हैं, उन्हें तो दुःख, कष्ट स्वपन में नहीं आ सकते| इसलिए, प्राणी प्रभु के शरण हों और शाकाहारी बनकर भगवान् श्री राम का ध्यान करें| सारे कष्ट से निबारण|

सिया राम, हरे राम/

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